सोमवार, 4 फ़रवरी 2019

कुकुर मूत्र विसर्जन

#विचित्र_तथ्य_कुकुर_विसर्जन_लेताजी
हम सभी ने कुत्तों को कभी न कभी बिजली के खंभे या गाडियो के टायर को गीला करते तो देखा ही होगा, लेकिन कभी यह नहीं सोचा कि आखिर कुत्ते पेशाब करने के लिए इन दो जगहों को ही ज्यादा क्यों पसंद करते हैं?
हम सभी जानते हैं कि कुत्ता इंसानों के प्रति सबसे ज्यादा वफादार प्राणी है, इसके अलावा अन्य जानवरों की तुलना में कुत्ता थोड़ा ज्यादा सामाजिक भी होता है।
कार ,बाइक के टायर और बिजली के खंभों पर पेशाब करने के पीछे भी दरअसल एक सामाजिक कारण ही जिम्मेदार होता है। ऐसी जगहों पर पेशाब करके कुत्ते दूसरे कुत्तों के लिए अपनी गंधछोड़ जाते हैं।
आमतौर पर कुत्ते पेशाब करने के लिए ऐसी जगहको तरजीह देते हैं, जो सीधा खड़ा हो। इससे उनका निशाना सटीक बैठता है और खुल कर हलके हो लेते हैं। इतना ही नहीं, अपने इस अनोखी क्रिया से वो दूसरे कुत्तों के लिए नाक की ऊंचाई पर ही अपने पेशाब की गंध छोड़ जाते हैं।पेशाब की गंध क्षितिज सतह से ज़्यादा देर तकवर्टिकल सतह पर मौजूद रहती है।
उनकी इस आदतसे वो दूसरे कुत्तों को अपने क्षेत्र से परिचित कराते हैं। इसका मतलब ये भी होता हैकि वो दूसरे कुत्तों को संभवत: अपने इलाके की जानकारी देते हो।

ठीक इसी तरह लेताजी भी अपना अपना विशेष एजेंडा रखते हे ,चुनावी मौषम के लिए की फला हिंदुत्व की राजनीती करेगा ।
फला मूलनिवासियो के हिट करने का दायित्व संभालेगा ।
कुछ दल तो सत्ता सुख पाने के लिए एक विशेष वर्ग के नाज नखरे वाले प्राणियो को अल्प वस्तरीय  फूहड़ नृत्य और मादकता के सहारे जनता रूपी वोटबैंक को पाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हे ।

जो नेता सिर्फ सत्ता के लिए देश रूपी मर्यादा के की धुरी पर खुले आम मूत्र विसर्जन कर जाते  बो ही देशभक्ति ,विकास का बड़ा ढोल पीटते नजर आते हे ।

समझदारी इसी में हे की ये देख कर चुने कही लेताजी धुरी पर टांग उठाते कुकुर न निकल जाए ।

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