गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

अभिनंदन जी का अभिनन्दन

अभिनन्दन का अभिनन्दन  हम पलक पावड़े बिछाये बेठे हे,
जाकर तह तक तह लेलो कुछ गद्दार नकाव लगाये बेठे हे!

बो मात भारती का लाल दुष्ट दमन करते गगन से कूदा था,
डूब मरो लेता जी जंग लगी खड़गो को ले जंगजू जंग कूदा था!

चार दशको में तुम एम्बेसडर से लेंजरोवर पे आ जाते हो,
रण जाते रणवीर को 'नेहरू-रेजांगला' कसक उकसाते हो !

अरे नहीं चाहिए हमको महंगे वादे तकनीकी पर सुधार करो,
जननायक बन उभरे हो कुछ देशद्रोहियो का भी संघार करो!

पापी पाक की औकात नहीं जो भारत भाल को निहार सके,
निवेदन हे कृषक सुत बन हलधर दमन करो दुस्ट न विहार सके!

आस्तीन के सांपो के अब बांह उलट फन कुचलने होंगे,
मुफ़्त की महबुबाओ से महबूब छीन छलनी करने होंगे !

जब भी वक्त आएगा घर घर से माँके लाल महादेव बन जाएंगे,
सजे रोली माथे पर कफ़न बाँध हम रायफल कन्धे पे आएंगे !

पर इतना याद रखना सरहद पर मुफ़्तखोर सांसद विधायक नहीं
खून पसीने से फसल सिंचित करने बाले श्रम जीवि वोटर ही जाएंगे ...!!

🇮🇳जय हिन्द

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