मंगलवार, 12 फ़रवरी 2019

स्नेह आलिंगन

#प्रेम_आलिंगन
नेमत उस ईश्वर की जो सिंखा दिया कब जरूरत किसको किसकी गले लगा दिया!

काश अहसासो के समन्दर होते भर लेता, नफरत की हमने इश्क जानवरों ने दिखा दिया!

इंसानियत जहाँ पल पल मरती दम तोड़ती दिखे,
शावक ने शावक को शाबाशी से अंक लगा लिया!

दोपायो का आलिगन कितना बोना सा दीखता हे,
मुहब्बत की असल नजीर तो बस चौपाया लिखता हे!

निस्वार्थ नेह समर्पण इस चोपाई छवि में दिखता हे,
इंसान दोपाया होकर भी चौपाये से निम्न लगता हे!

वलिहारि राम आपने जो प्रेम मूरत की सूरते दिखाई,
ओरो को न सही कम से कम 'असफल' प्रेमरीती सिखाई!!!!
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"स्नेह आलिंगन"
~असफल'५२से'

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