बुधवार, 27 दिसंबर 2017

लफ्ज-ऐ-बिस्मिल

#तेलू_पार्टी_पार्ट2 #सनक।।
चोर उचक्कों ने मिल करके कसम राम की खाई थी।।
राम नाम के अमृत में जहरीली दवा मिलाई थी।।
राम नाम से राजनीति में परचम अपना लहराया।
जंगलराज ओर गुंडागर्दी  से आम आदमी घबराया।
मोदी तेरी लहर चली थी या उठा कोई बवंडर था।
हिंदुबाद ओर राम नाम पर जीता बी जे पी का बंदर था।
इतनी भी क्या भक्ति मुरैना वाशियो ने दिखलाई थी।
जो अपने घर मे हार गया उसको भी जीत दिलाई थी।
अपने घर को बना सके ना लोगो ने लात लगाई थी।
इतना सब कुछ देख मूर्खो जातिवाद पर मुहर लगाई थी।
गरीब किसान मरता जाता सूखे और पालो से।
सांसद महोदय नही घेरते संसद को सवालों से।
गर्मी में क्वारी मैया एक नस हो जाती है।
जिसके नाम से जीते वो गौ माता प्यासी ही मर जाती है।
चिड़ियों की चहचाहट से भी  बीहड़ मौन हमारा है।
पौध लगा के सेल्फी लेना ही क्या कर्तव्य तुम्हारा है।
स्वच्छता के नाम पे तुमने भाईचारा साफ किया।
क्षत्रिय ब्राह्मण भेद डालकर वोटबैंक को नाप दिया।
सुनो मुरैना के वाशी तुम क्वारी  चम्बल की संताने हो।
युद्ध हो या आंदोलन हो विजयी होकर ही माने हो।
अन्याय विरुद्ध तुम लड़े हमेशा चोरों को गले लगाओ ना।
स्वाभिमान का मुकुट पहन कर अपना शीश झुकाओ ना।
ये नेता सेवक है अपने क्यों मालिक इन्हें बना देते।
इनके आगमन में  क्यूँ कायनात बिछा देते।
#बिस्मिल की आत्मा तुमसे प्रार्थना एक ही करती है।
तेलू भैया याद करो कि चम्बल योद्धाओं की धरती है।
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#अटल_के_संस्कारों_की_ताकत।
#बिस्मिल

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