शनिवार, 6 जनवरी 2018

टें का टोटका

              ==टेग का टोटका==
#पूरा_पढ़े_बिना_त्वरित_प्रतिक्रिया_न_दे
प्राय देखा गया हे की मित्रजन टेग का टोटका करते हे। टोटका भी बड़ा धांसू वैरायथि से ओत-प्रोत होता हे।
आई ऍम अलोन बिथ 176 ऑथर ....!
ऐसे बन्दूओ को आप तांत्रिक समझ बोल सकते हे,जो शोशल मिडिया को वलिवेदि बना कर 176 लोगो की "टें" करने से नहीं हिचकते।
अमावस जेसी डीपी के दुर्योग के बनते सुनसान भुतहा वाल पर 'nice one' चैंप -चैंप कर इस टोटके में गाहे-बगाहे जो नोटिफिकेसन की आत्माए हमला बोल देती हे। बड़ा भयानक डर झुरझुरी बनकर बाल खड़े कर देता हे जब टोतकाधीश रिप्लाय में एक और शुक्ष्मजन्तु जगत का टोना करते हे और बो टोना होता हे 'tysm' !
समझ नहीं आता हाथो में दशो उंगलिया होते हुए भी तांत्रिक महोदय उत्सर्जन तन्त्र से कोई 'सुरसुरी ' न छोड़ रहे ! अथवा "टै" का टोटका निष्प्रभावी होते देख कोई डायन ढील रहे हे?
बेसे ये "टै" कभी-कभी बड़ा सुखदाई हो जाता हे जेसे वर्ष में एकबार आता दिनांक विशेष दिवस जब आपको लगभग 32%लोगो का किया गया टोटका बड़ा सुखदाई प्रतीत होता हे। जब बिना कुछ किये धरे अतियोक्ति से पूर्ण शुभकामनाये-बधाईया एक अद्वितीय लोक में विचरण करवा देती हे।
मतबल यहां टोटका मेसन की नीबू-मिर्ची हे से किया जाएगा अगर सुयोग हुआ तो आपको केक,फूल,पार्टि इत्यादि के द्वारा मानसिक लोक गमन भी भी प्राप्त हो सकता हे।
मष्तिष्क के वायुविकार उस समय डावर हिंगोली खाकर उस रेल इंजिन की तरह एकाएक धूम,धड़ाम,बूम,बडाम करने लगेंगे जब कोई एंजल प्रिया अथवा इश्कजादा 'केसी लग रही हु"/कैसा लग रहा हु " कैप्सन देकर बतख की तरह मुह बना कर 176 दुसरो के साथ "टें"(मुंडी काटना) कर दिया जाता हे ।
अब आते हे 'टें करने' के 'राजसु यज्ञ' में प्रयुक्त आपकी मझमाँ सरकार के प्रति के देशभक्ति का प्रमाणपत्र लेने के लिए मची होड़ के धूल रहित अखाड़े में की कुश्ती में चित्त करने को लेकर।
यहां आपको बिधिवत एक तरीके से ग्रुप में टांग कर "टें का टोटका" रोज होगा। कितने भोट किधर गए ,कोनसा #लेता  देश की कितने सालो से ले रहा हे (धूल) सब पर एक एक टोटकाधिकारी 'बिन पगार स्वराज अधिकार' करता मिलेगा। धर्म के नाम पर सबसे बड़ा कालाजादू इसी मझहवि शिद्ध-पैंठ में होता हे। तरह-तरह कालाजादू,पीलाजादु,नीलाजादु लिए हुए सुरखाव 'कॉपी-पेस्ट' किरांति के बलबूते देश में 'अप्रैल फूल' खिलाते मिल जाएंगे।
आपकी जरा सी निष्पक्षय राय को वामपंथी,झांपन्ति, लिवरंडु,चिकलांडू,सुषुप्तशोषि मानव ,कूप-मण्डूप जेसे विष-अमृत करते अनलंकारो से शुशोभित किया जाएगा ।

अवे चूल्हे के चुतियो तुम्हे अक्ल न आएगी सब कुछ देखते हुए भी अदृश्यत रहने की बिमारी ने ही तुम्हारा दशको से चुतिया कटा हुआ हे। लेती-लेता बरगलाते रहेंगे कभी किसी विवाद पर ,कभी किसी अवसाद पर। मुख्यतः संसद में 'टोटकाधीस' ही सुनियोजित तरीके से विसाद फैलाते हे ।जो सही होता हे उसे सबसे पहले जेल में पैला जाता हे । मुद्दा आज भी वो ही मुह खोले खड़े हे लेता-लेती आज भी चुतर से चुतर जोड़े खड़े हे। दाम और चाम की चाह की खाजनीति में तुम सबका "टें" टोटका पूर्व नियत हे तुम छोटे छोटे 'टेग टोटके ' करके उनके लिए भोट बटोर रहे हो और बो तुम्हारी "टैं" करने न चूकेंगे ।

आज किसको नहीं पता की जातिगत आरक्षण का "नीला जादू" देश की दुर्गति में 'सिहर-ऐ-कोहराम' बना हुआ हे !
‌फिर भोट के लिए इसका प्रतिशत अंग्रेजो का तमबू बना हुआ हे जिसकी दृश्य अवलौकिकता भले ही न्यून हो किन्तु खिंचाव सर्व व्यापी होगया ।
‌हा तो बात "टें" के टोटके की थी ।हास्यस्पद से चला टें का टोटका पता न चला कब खाजनेटिक सिहरे कोहराम जादू बन जाए ।

‌अब सोचता हु इस फिसड्डी लेख पर 176 अदर का टोटका ही कर डालू क्यों की न्यूटन बाबा का 'क्रिया के बिपरीत प्रतिक्रिया ' बाला सूत्र इधर आकर जीरो बटा सन्नाटा प्रतीत होता हे। और बाल एक भुतहा खण्डर की मानिंद फकक सियाह  हु..ह्ह्ह........हु....हु करती हुई । बस कमी हे अर्ध रात्रि डायनों के नृत्य की ....
‌              
‌            शेष  .......   
‌   धरती माँ का बजन सम्भाले हुए हे ।
‌jstomarghar.blogspot.in
06/01/2018.     14:18

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