रविवार, 28 जनवरी 2018

★क्या हम गुंडा हे!★


मेरे बोलने से फेसबुक पर मुह खोलने से क्या हो रहा है।
माँ ने किया दोबारा जौहर बस खूँ ख़ोल रहा है।

खिलजी बनकर भंसाली अब पैसे तौल रहा है।
गोरा बैठा पकड़े खूंटी बादल माथा फोड़ रहा।

राजपूत लड़ो आपस मे घमंड तुम्हारा तुमको तोड़ रहा।
राणा प्रताप तुम मूरख थे क्यों घास की रोटी खाई तुमने।
माटी माटी चिल्लाते तुम आज तुम्हारी नाक कटाईहमने।

राजपूत के गिरे रक्त का कर्जा यही चुकाया है।
भले घराने के बेटों को गुंडा आज बताया है।

'बिस्मिल' तुम भी गुंडे थे जो काकोरी की गाड़ी लूटी थी।
शैतान सिंह भाटी गुंडा था जिसने चीनी सेना कूटी थी।

सेना की गुंडा कोर डटी है भले मानस की रक्षा करने को।

अरे डूब मरो भारत के लोगो जो गुंडों से रक्षा लेते हो।
शासन करने वाली शक्ति नेताओ का कुतबा पड़ती है।
नेताओ की चमचागिरी रजपूती समसीरें करती है।

स्वाभिमान को जगा लो मित्रो रोटी घास की खालो मित्रों।
अब तो जुड़कर एक बनो रजपूती शान संभालो मित्रों।

अब तो समझो साजिश को जो सरकारें रचती आई है।
हमको हमसे अलग किया नफरत भरती आई है।

कसम खाओ अब तुम माता की आपस मे ना झगड़ा होगा।
मिलकर अगला प्रहार करेंगे जिसका जख्म भी तंगड़ा होगा।

विनती करता 'बिस्मिल' रजपूती अमीर घरानों से।
गौरवशाली फ़िल्म बनाओ पैसा लगाओ खजानों से।

किये धर्म जो क्षत्रिय ने व्यक्त करो इस भारत को।
मिलावटी इतिहासों से मुक्त करो इस भारत को।।
#बिस्मिल।।।

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