आ सजनी तोहे रंग दू केसरिया
फिर मल दू भाल पे गुलाल में
तू बन जा जो मेरा सावरिया ।।
देर सवेर जाग उठेगा जो सोया
बेसुध,बेखबर भोला सावरिया
रुत ने जम्हाहि तू न सो जाबरिया ।।
आज न जागा ,सोता जग सारा
तेरी एक आवाज से तड़कै सारा
किलक काल को सुलावन हारा ।।
आ सजनी तोहे रंग दू केसरिया
आ सजनी तोहे रंग दू केसरिया
फटी पपीडि भोर भयो उजियारो
उठ जाग असि ले तोहे रन ललकारो
सामूहि खड़ो सुभट तोहे ललकारो ।।
बांधो फेटा सर से कांपे जग सारो
क्षत्रिय या रक्त को कर्ज उतारो
कह गए कानू रणसर रन को रख्वारो ।।
रणभेरी न बाजहिं फिर से नहो बे खबरिया
आ बालम तोहे रंग दू में केसरिया ,,,,केसरिया केसरिया .......केसरिया .......केसरिया ।।
26/01/2017
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