मंगलवार, 22 अगस्त 2017

स्थानीय लोकक्तिय भविष्य दर्पण

==एक लोकोक्ति==
आलस नींद किसान को खोवे ,त्रिया खोवे हांसी !
छल कपट मित्रता खोवे ,चोर को खोवे खांसी !!
अति प्रेम प्रेयसि डुबे, टका व्याज ले सन्यासी ।।

भावार्थ-:
किसान को आलस ,नींद जेसे विकारो से दूर रहना चाहिए क्यों की कृषि कार्य में नियत समय से पिछड़ा हुआ किसान कभी उत्तम फसलोत्पादन नहीं कर सकता ।
जबकि स्त्रीयो को सामूहिक हास परिहास से दुरी रखनी चाहिए ,अगर स्त्री बहुत ज्यादा हँसोड़ प्रवर्ति की हे निश्चित ही उसके चरित्र पर समाज शन्देह करता हे ।
वाही चोर को अगर खांसी हो जाए बो निश्चित पकड़ा जाएगा और दण्ड का भागी होगा ।

मित्रता में छल प्रपञ्च कपट झूट इत्यादि महाविकार बाधक हे ।
मित्रता में चक्रीय गति धुरी सत्य,विश्वासः और आत्मसात सुदृन्ता पर ही निर्भर आपका कण मात्र अविश्वास मित्र को खो बैठेगा ।

सीमा से ऊपर किया गया प्रेम भार्या के प्रति आपका प्रेम आपको आपके बन्धु बान्धवो से  दूर कर देगा इसीलिए पत्नी की बातो पर सदैव विश्वासः न करके स्वम भी जानकारी लेते रहे ।
बही अगर साधुओ को मुद्रा और ब्याज से स्नेह हो संन्यास जाता रहेगा और दुर्गति निश्चित हे ।

जितेन्द्र सिंह तोमर

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