==राजेश का फेसबुक==
●किस्सा आज का●
महंगे सेलफोन की एकाएक वाइब्रेट से चिहुके राकेश ने पॉकेट में हाथ डाल के सेलफोन निकाला .....
किसी परचित स्थानीय लैंडलाइन के अपरचित उभरे हुए नम्बरो ने मोबाइल स्क्रीन के साथ चेहरे के रंग बदल लिए ...
रिसीव क्लिक और चिरपरिचित तल्ख अंदाज भरे स्वर में "यस आई एम् राजेस हेअर "।
दूसरी तरफ से एक स्त्री के मधुर स्वर "नमस्कार राजेश जी में आपके बच्चे के स्कुल लिटिल फ्लावर्स की रिसेप्सनिस्ट सरला बोल रही हु "।
"सर ...
हमने अपने स्टूडेंट्स की प्रोग्रेसिविटी के लिए एक ट्रिक निकाली हे जिसमे हम ओनलाइन पेरेंट्स के सामने बच्चों से प्रशन्न करेंगे जिससे गार्डियंस के सामने ही स्टूडेंट्स की प्रोग्रेस और सारपनेस को कैलकुलेट किया जा सके "
"क्या आप अनुमति देंगे ताकि में काल को क्लासरूम में ट्रांसफर कर सकु "?
"यस व्हाई नॉट थिस वन्डरफुल थॉट प्लीज कॉन्फ्रेंस बिथ उस " राजेस बड़ी ततपरता से जवाब दे गया !
पिन पोंग पिंग पांग ....कुछ डायलिंग वॉइस के साथ काल कनेक्ट हुई ....:
रिसीवर से आवाज आती हे "ललित से प्रशन्न किया जाए ।"
"नहीं रहने दीजिये ललित को बो कोई उत्तर न दे पायेगा ,पहले से कमजोर हे ,शार्पनेस लेबल बहुत वीक हे उस बच्चे का" (किसी दूसरे टीचर के भारी स्वर )
कोई लेडी टीचर पुनः आग्रह करती हे "एक बार सर बात तो कीजिये ललित को एक्जमीन किये बगैर 'ललित' यु अयोग्य घोसित करना क्या ठीक हे ?
बेसे भी उसके डेड ऑनलाइन हे सर"!!
"में इस स्कुल का ट्रस्टी हु जो चाहे करु आपको क्या मतलब ?मेडम मेने एक बार बोल दिया न की ललित फ़ैल तो फ़ैल ...फिर कोई भी ऑनलाइन क्यों न हो इससे मुझे क्या ..(वही भारी और तेज स्वर )
राजेस एक दम से क्रोधित होते हुए " व्हाट द हैल मिस्टर ....ट्रस्टी आपने मेरे लड़के को बगैर एक्जमीन किये फ़ैल कर दिया ..!!
इस तरह तो मेरे बच्चे का कॉन्फिडेंट लेवल कम हो जाएगा ...शर्पनेस को छोडो बो होपलेस हो सकता हे ...शायद कुंठा ग्रस्त भी हो जाए और आगे कभी बड़ न पायेगा ....ये कैसा बेहुदा मजाक हे ...आप मुझे सुन रहे हे न ......!!"
प्रतिउत्तर में वही भारी स्वर " क्या मिस्टर राजेस जब बोल दिया तो बोल दिया में आपके लड़के का चेहरा देख के बता सकता हु "
राजेश :- व्हाट इज जोक मिस्टर ट्रस्टी आप बगैर प्रेक्टिकल के इस तरह का डिसीजन कैसे ले सकते हे .....परफॉर्म तो करने दीजिये उसे फिर कोई डिसीजन लीजिये ओवर स्मार्ट न बनिए में पैसे देता हु कोई फ्री नहीं पढ़वाता आपके स्कुल में समझे ?
भारी स्वर :- क्या ....क्या बोले में आपके बच्चे का क्या डाउन कर रहा हु ...?
रिपीट वन्स अगेन ...।
राजेश ने अपने पूर्व बोले शब्द मोरल,कॉन्फिडेंट,शार्पनेस इत्यादि दोहरा दिए ।
भारी स्वर - सर ये आपका बच्चा हे और आप कितने कॉंफिडेंटल तरीके से उसका सपोर्ट कर रहे जबकि देश के हजारो बेटे सीमा पर दुश्मनो के सामने सीना ताने खड़े हे सर्दी हो गर्मी हो वरसात हो उन्हें फर्क नहीं उनमे आपको लड़ने की क्षमता नहीं दिखती क्या ...?
अरे सर आप रोज शोशल मिडिया पर ज्ञानवाणी करते हो की भारत की सैना यहां कमजोर....
,वहा कमजोर कैग की रिपोर्ट 10 दिन का अम्युनेशन.....
चीन के पास अला बला हथियार हमारे सेनिक लड़ नहीं सकते .....हार जाएंगे
आप क्या करते हे रोज 5 किलोमीटर लम्बी ज्ञानवाणी करके .....?
देश के बेटो का कॉन्फिडेंट कम नहीं होता क्या ?
बो खड़े मोत के सामने मोत बनकर और आप उन्हें नकारा सावित करने पर तुले हो ....
गजब ज्ञान तो तब देते हो जब रिप्लाई कोई अकाट्य तर्क देता हे और आप ब्लॉक करते हो आखिर क्यों ....?
अगर जरा सी भी भारतीयता जीवित हे तो उत्साह वर्धन करिये ।आपको याद हो मेजर शैतान सिंह जी और उनकी 116 वीरो की छोटी सी टुकड़ी ने इसी चीन के लगभग 1300 दुश्मनो को कम हथियार अतिअल्प वुनियादि सुविधाओ के अभाव में काट डाला था ।
जसमन्त सिंह जी ने तो अकेले ही 72 घण्टे चीन को एक इंच तक आगे न बढ़ने दिया था ।
श्रीमान सिर्फ चाइना के मोबाइल और उत्पाद खरीदने का शोशल मीडियाई विरोध से देश प्रखर नहीं बनता फेसबुकिये मठा बन कर स्वम्भू होकर नहीं देश हिट में लिखिए और कर कर्म करिये ।
और जानकारी में बता दू तुझे ये कोई स्कुल नहीं, तेरे फेसबुकी फ्रेंड का परिवार हे जो तेरी आँखे खोलने के लिए ये नाटक करना पढ़ा ।
क्षमा चाहूँगा मित्र .....!!
आज आपने सत्यता से परिचित करा दिया और मेरी आँखों पर चढे फेसबुकी परवान का चस्मा उतार दिया .....कल परसो योगी जी पर लिखे गए शब्दों के लिए भी क्षमा चाहूँगा जो उनको हत्यारा लिख रहा था ।
बहुत आभार आपका प्रिय मित्र नम्बर दीजिये आपसे मिलना हे (राजेश के विशुद्ध हिंदी शब्द के बाद उसका बो अकाउंट बन्द हे )
शायद पुनर्जन्म हो ............इसलिए
~जितेन्द्र सिंह तोमर '५२ से'
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें