बुधवार, 15 नवंबर 2017

★तलाश★

==तलाश"==
#तलाश
चलो हंसने की कोई, हम वजह ढूंढते हैं,
जिधर न हो कोई ग़म, वो जगह ढूंढते हैं !

बहुत उड़ लिए ऊंचे आसमानों में यारो,
चलो जमीं पे ही कहीं, हम सतह ढूंढते हैं !

छूटा संग कितनों का ज़िंदगी की जंग में,
चलो उनके दिलों की, हमगिरह ढूंढते हैं !

बहुत वक़्त गुज़रा भटकते हुए अंधेरों में,
चलो अँधेरी रात की, हमसुबह ढूंढते हैं !!!

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