बुधवार, 22 फ़रवरी 2023

मेरी गजलें

ये महीना भी गया,वह साल भी गुजर जाएगा,,
रंगमंच के पर्दे से हर किरदार नजर आएगा!

घटती रहेंगी सांस-दर-सांस उम्र की नजाकते ,
सांस,सांस-साँसों का काफिला गुजर जाएगा!

राह चलते आईने में अक्स निहार गुजरी दुनिया,
एकदिन अक्स से रूह का भरम भी हट जाएगा!

वक्त ने सौगात की खुशियां हँसे-हंसकर के दिल,
वक्त बदला,ले खुशी से,ये वक्त भी निकल जाएगा!

हो सके संजों लो जिंदगी के सुनहरे पल कशिश से,
जज्बा-जज्बात और जन्नत,एक पल में पा जाएगा!

बड़ा अनुख है जिंदगी का पल ,नायाक-नालायक,
कभी सर्द कभी उष्ण बन फिर तपायेगा-सताएगा!!
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'अ'सफल

राजा भलभद्र सिंह 'चहलारी'

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