#ये_नयन
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अपनी आँखों से-अपनी आँखों का कभी प्रतिबिम्ब निहारा है,..कभी किसी की आँखों मे,इस दुनिया-जंहान की दिलकसी का नजारा इतना मोहक होता है कि पलके झपकना भूलकर जड़ हो जाती है..जैसे उन्हें भय मिश्रित अपेक्षा हो कि कंही पल भर की झपकी ..वह मोहिनी न भंग करदे जिसकी कब से प्रतीक्षा की थी !
आपके नयन ही आपके प्रति हुए उस अतीव आकर्षण का मूल से प्रतीत होते है..आप जब मुझे देखकर हया से लजाती हुई पलको को ढालती है न,तब प्रतीत होता है हृदय के स्पंदन की गति कहीं इतनी तीव्रतम न हो जाये ...कि रक्त वेग से शरीर की उन तमाम वाहिकाओं का असितित्व एक झटके में सिमट जाये !
यूं तो सिनेमाई अदाकारों ने,फ़नकारों ने नयनो को खूब तबज्जो दी पर मुझे लगता है कि इन नयनो पर कुछ भी लिखना-बोलना इतना सरल नही है..यह जो नैना है ....झुकी लज्जा के साथ मूक होकर एक उद्वेग प्रकट करते है ..जैसे वृक्ष अपने फलो से लदकर हयावस भार से झुकते-झुकते लजाया हो ...जैसे गाँव-जबार मे एकाएक झुकी हुई बदरिया बड़े स्नेह से जल आचमन से करती प्रतीत हुई हो ।
जैसे सागर शांत पड़ी तरंगों में ज्वार-भाटा आकर चला गया हो !
हाँ! यह जो तुम्हारे नैना है वह मेरे मन की भाषा बोलते है,मुझे विदित है वह तुम्हारा मुझे देख कल्पना करके बार-बार पलके झपकाना और खुद की आँखों से खुद को आश्वत करना कि प्रत्यक्ष को अब प्रमाण नही दिए जा सकते है ।
धनुष जैसी भृकुटियों के नीचे विद्यमान यह जो दो ज्ञानेन्द्रीय है न ...कभी बन्द होकर शांति से सपना नही देखती है।इनके सपने तो खुले चक्षुओं से चारो और दिग-दिगान्तर तक बड़े करीने से सजते है।
गीतकार ने लिखा था कि ..
"नैनो की ना मानियो ,नैना ठग लेंगे..!"
के स्थान पर....
"नैनो की यह बात नैना जाने रे.."
से में बड़ी सहमति रखता आया हूँ,आखिर नैना ही तो वह भावना का केंद्र है जँहा से होकर खुशी और गम दोनों के भावना प्रवाह समान रूप से प्रस्फुटित होते है ।
मुझे कभी कभी महसूस होती है तुम्हारी पलको पर शबनम की वह बूंदे ..जैसे फूली हुई सरसो में कोई भंवर आकर इन मोतियों को न तोड़ ले जाये। आँखे ही तो वह तारा है जिसके तारे में अपना बना हुआ प्रतिबिम्ब हर कोई निहारने की तमन्ना किये रहता है ।
सुनो!
एक छोटी सी ख्वाहिश पलको पर आ बैठी है कि मुझे अशेष समय तक वह दो नैना अपने चक्षुओं से अपलक निहारने है....और बस निहारने है ।
मोहब्बत के भी कुछ राज होते हैं,
जागती आँखों में भी ख्वाब होते हैं!
जरूरी नही हैं कि गम में ही आँसू आएँ,
मुस्कुराती आँखों में भी सैलाब होते हैं!
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JVS.
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